Nojoto: Largest Storytelling Platform

नवीं कक्षा में पढ़ा था आम फिर बौरा गये - लेखक हजारी

नवीं कक्षा में पढ़ा था
आम फिर बौरा गये - लेखक हजारी प्रसाद द्ववेदी की ज़मी से प्रेरित होकर ये शेर उनको समर्पित जो शौकिया किसी गलत नशे में हैं )

वो जो मेरे आंगन मेंं पेड़ है उसपर फूल तो आता है फल नहीं लगता,
है तो ये वही आम का पेड़ ही पर बौरा* गया है। 
उस पेड़ पर कोयल मां उसके बौराने पर हर बार जैसे कूकती थी,
इसबार सूना सूना है उसे कोई सदमा सा या दौरा गया है।

बौराना*१.पागल हो जाना/
2.उन्मत्त होना (जैसे—नशे में बौराना)।
३; आम पर फूल पड़ना भी बौराना कहलाता है।
नवीं कक्षा में पढ़ा था
आम फिर बौरा गये - लेखक हजारी प्रसाद द्ववेदी की ज़मी से प्रेरित होकर ये शेर उनको समर्पित जो शौकिया किसी गलत नशे में हैं )

वो जो मेरे आंगन मेंं पेड़ है उसपर फूल तो आता है फल नहीं लगता,
है तो ये वही आम का पेड़ ही पर बौरा* गया है। 
उस पेड़ पर कोयल मां उसके बौराने पर हर बार जैसे कूकती थी,
इसबार सूना सूना है उसे कोई सदमा सा या दौरा गया है।

बौराना*१.पागल हो जाना/
2.उन्मत्त होना (जैसे—नशे में बौराना)।
३; आम पर फूल पड़ना भी बौराना कहलाता है।