बहार आज गुलशन में है दिल लगी से। समझ आया यह दिल लगा कर कली से।।1 लगा ख़ार दिल तू किसी दिलनशीं से। गुज़र तो मुहब्बत की सकड़ी गली से।।2 तेरे इश्क़ में है ख़ुदा ओ इबादत। मुहब्बत में तेरा मेरा हर ख़ुशी से।।3 कई नाम से जानी जाए मुहब्बत। बुला कह के महबूब अब ओ अभी से।।4 मज़े से बसर ज़िन्दगी कर बता दे। मूझे श्री की अच्छी मुहब्बत सभी से।।5 श्रीधर श्री उज्जैन मध्यप्रदेश ©Shree Shayar श्रीधर श्री #Faceexpression