बदले की आग का ये उपकार उद्धव ठाकरे और क्या तेरी औकात ... घर आँगन तोडा तूने तेरी यही हैं पेहचान आज दिखा तेरे चेहरे के पीछे छिपा काला शैतान गिराया हैं जो दफ्तर तुने दफ्तर बनेगा वही वही से होगी फिरसे दफ्तर की पेहचान ... ये शेरनी हैं हिमाचल की पहाड़ो की बच के रेहना इसके पंजे से उद्धव ठाकरे साहब ... शेरनी हैं शेरनी #शेरनी हैं