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मर्दो की फितरत ============ मर्दो को उगली दो तो हा

मर्दो की फितरत
============
मर्दो को उगली दो तो हाथ पकड़ लेते हैं
प्यार का मतलब नहीं समझते अपनी जात
बदल लेते हैं, औरत पूरा जीवन प्यासी रह
 सकती हैं पर मर्द नया कुआ ढूढ लेते हैं,हाँ
सब मर्द एक जैसे नहीं होते वो तो नज़र भी
नहीं मिलाते हाथ क्या पकड़ेगे बीवी से डरते
है 😂, बीवियाँ भी सीमा मे रहती है गैर मर्द
को इजाजत नहीं देती कि ऊगली छू ले, क्यो
कि जरुरत दोनो की same है प्यार अपनापन
बहक भी जाते है लोग रिश्तों मे पर लौट के बुद्धू
घर को ही आते है और भटकी बीवी भी कहाँ
जाएगी वो भी धोखा खा घर को ही वापस आएगी
फितरत तो बदलती रहती है पर इज्जत दो तो मिलेगी
ये बात मेरी कलम कहती है 😂🙏🏻

©Puja Udeshi
  #sparsh #मर्द #औरत #pujaudeshi  वंदना .... -hardik Mahajan Ashutosh Mishra Sethi Ji R K Mishra " सूर्य "  अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर AviS Maaahi.. Pragati Tiwari meri_diary(R*)