Find the Best औरत Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutकाली औरत की चोरी चाटने वाले से खुलेगी शायरी सेक्, औरत को पटाने वाली शायरी सुनाओ, औरत के बच्चे, औरत के बच्चे, 'औरत पर शायरी',
अदनासा-
Chetna Vinay Tiwari
Girl quotes in Hindi आसान नहीं होता "औरत" होना ! सारे रिश्तों को संभालते-संभालते ख़ुद से न जाने कब रिश्ता टूट जाता है... न जाने कब किस मोड़ पे किरदार कहीं छूट जाता है... एक नये किरदार के साथ रिश्तों को अपनाती हैं... और आगे बढ़ती चली जाती हैं ... न जाने कहां खो जाती है ख़ुद की पहचान और ख़ुद का स्वाभिमान आसान नहीं होता "औरत" होना! "चेतना विनय" ©Chetna Vinay Tiwari #प्यारभराप्रयास #औरत
Sethi Ji
White ऐ मेरे ख़ुदा लोग क्यों औरत को सताते हैं क्यों उसको बीच बाजार रुलाते हैं औरत वोह खुशबू जो महकाती है सारे ज़माने को फिर क्यों सारे आम उसके अरमानों को जलाते हैं औरत खूबसूरत होती है अपने जज़्बातों से फिर क्यों सब उसके जिस्म को अपनाते हैं औरत से खुशियां होती हैं हर घर की फ़िर क्यों नहीं उसको उसका इंसाफ दिलाते हैं औरत भी इंसान हैं हम सबकी तरह फ़िर क्यों नहीं उसको दिल से अपना बनाते हैं आज हम सब को जवाब देना होगा हर औरत को अपना ख्वाब जीना होगा हर जगह लुटी जा रही औरत की औरत जब हम उसको मंदिरों में देवी की तरह सजाते हैं औरत भी हमारे समाज का हिस्सा हैं उसकी ज़िन्दगी का भी एक किस्सा हैं क्या करोगे जी कर जब हमारी बहन - बेटी सुरक्षित नहीं होगी चलो आज से हर औरत की सुरक्षा का जिम्मा हम उठाते हैं 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶 ©Sethi Ji ♥️♥️ औरत का ज़माना ♥️♥️ ♥️♥️ औरत को बचाना ♥️♥️ #love_shayari #Sethiji #8Sept #Trending
♥️♥️ औरत का ज़माना ♥️♥️ ♥️♥️ औरत को बचाना ♥️♥️ #love_shayari #Sethiji #8Sept #Trending
read moreSethi Ji
White कब तक औरत को नीचा दिखाओगे कब तक मर्द को न्याय का रक्षक बताओगे एक औरत होती है उगते हुए सूर्ये के समान कब तक सूरज को घर के बादलों में छुपाओगे वक़्त आ गया अपनी आवाज़ उठाने का वक़्त आ गया हर लड़की को इंसाफ दिलाने का कब तक अपनी मर्ज़ी दुनिया की महिलाओं पर चलोगे करते हो जिस देवी की पूजा रोज़ अपने मंदिर में देख कर औरत की इसी हालात कब तक आईने के सामने खुद से नज़रें मिलाओगे 💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji #love_shayari #Sethiji #25aug #Trending #Zindagi #nojotoshayari #kavita #nojotohindi
Saba Rasheed
White जिसने वफ़ा निभा दी समझो है गनीमत पैकर वफ़ा का कोई मर्द है ना औरत ©Saba Rasheed #love_shayari #वफ़ा #मर्द #औरत #twoliner #Shayari #पैकर #hindiurdushayri शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
#love_shayari #वफ़ा #मर्द #औरत #twoliner Shayari #पैकर #hindiurdushayri शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreSushma
White औरत तेरी यहीं कहानी सदा चली आई है पहले तू बच्चों का मुॅह देख, आत्म सम्मान पर चोट बरदाश्त कर जीती आई हैं फिर एक बेटी, माँ का मुॅह देख जीती जाती हैं यहीं चक्र चलता आ रहा है यहीं सदीयों तक चलेगा.... ©Sushma #goodnightimages #औरत तेरी यहीं कहानी सदा चली आई है पहले तू बच्चों का मुॅह देख, आत्म सम्मान पर चोट बरदाश्त कर जीती आई हैं फिर एक बेटी, माँ का मुॅह देख जीती जाती हैं यहीं चक्र चलता आ रहा है यहीं सदीयों तक चलेगा....
#goodnightimages #औरत तेरी यहीं कहानी सदा चली आई है पहले तू बच्चों का मुॅह देख, आत्म सम्मान पर चोट बरदाश्त कर जीती आई हैं फिर एक बेटी, माँ का मुॅह देख जीती जाती हैं यहीं चक्र चलता आ रहा है यहीं सदीयों तक चलेगा....
read moreShalini Nigam
सोचने वाला जरूर है! ©Shalini Nigam #औरत #अखबार #कबाड़ी #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Love #Life #YourQuoteAndMine
I_surbhiladha
#महिलाओं के विरुद्ध अपराध यह दो जूड़वां भाई-बहन की दास्तान सुनाती हूं बचपन से ही माता-पिता ने एक पर झुकाव पढ़ने-लिखने दिया, और दूसरे को चौका-चूल्हा का तापमान सौंप दिया।। एक देर रात तक घर आया करे तो सावल न कोई उठाता है, दुसरे पर मानो कोई गुनाह किया हो सवाल की झड़ी लगाते है।। गलत हो जाए कभी बेटा तो बस उसे थोड़ा समझाता है, गलत हो जाए कभी बेटी तो बस कहते है कल को कलंक यह लगाई, बिन बोले करदे उसकी विदाई कहते है; जा पर हो तुमहारा ससुराल वही से करवाना अपनी विदाई ।। बेटा चाहे आवरा हो या न कोई काम का, द्वार पर छोड़ चले चाहे विद्धा आश्रम का, कोई विरूद्ध खड़ा न होता उस वक्त घर परिवार का।। सोच अगर मां-बाप की बच्चों के जन्म से खुबसूरत हो, तो इस देश में कभी कोई अपराध न हो।। जय हिन्द ✍️✍️ ©I_surbhiladha #Crimeagainstwomen #महिलाओंपरहोनेवालीहिंसाबंदकरो #womenlife #महिला #औरत #सुरभी_लड्डा #isurbhiladha #Reality
Manish Raaj
औरत ------ ख़ुद में अदाओं का तूफ़ां लिए बैठी है कभी लबों से ख़ुदा की इबादत किए बैठी है अपनी पलकों में सपनों का जहां लिए बैठी है दिल में प्यार का आसमां लिए बैठी है समाज में एक ओहदा, एक मुक़ाम लिए बैठी है कभी अपने हुस्न का जाम लिए बैठी है दूसरों के गुनाहों का अंजाम लिए बैठी है कभी रोटी के लिए खुद की नुमाइश का ज़िम्मा, सरेआम लिए बैठी है अपने हक़ीक़त को ख़ामोशी से बयां किए बैठी है न जाने क्यों ख़ुद को मार कर, औरों के लिए जिए बैठी है ये जनंनी बन अपने अंदर ममता बेपनाह लिए बैठी है ख़ुदा की नायाब नेमतें, बेइंतेहां लिए बैठी है मनीष राज ©Manish Raaj #औरत