सपना हाँ शायद वो था सपने मिला कोई अपना था हकीकत में ना हो पाये जिस सनम से हम रूबरु ख्वाबों मे कर रहे थे उसीसे गुफ्तगू हाँ वो ही था सपने में मिला हमे कोई अपना था ताउम्र रही जिसकी हमे जुस्तजू जो था हमारी आखरी आरजू वो सच नही फसाना था हाँ शायद वो सपना ही था सपने मे मिला कोई अपना था #Sach_ya_sapna #bas_yun_hi #ShilpaSalve358