भाग..4.. शीर्षक.. राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह हो रहे थे """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" कुछ दिन बाद गांव के दक्षिण में शर्मा जी के आम के बागान में राघव और सुजाता दोनों एक पेड़ के नीचे बैठा बात कर रहा था।दोनों के बीच दूरियां अच्छी खासी थी । राघव बोला तुम इतनी दूर क्यों बैठी हो.. और करीब आ जाओ!सुजाता बोली....नहीं मैं यहीं पर ठीक हूं.... आने जाने वाले लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे....! सुजाता काफी समझदार थी और अपने परिवार का मान सम्मान को सम्भाल कर रखना जानती थी।राघव बोला....सुजाता मैं तुमसे एक बात बोलना चाहता हूं...क्या तुम सुनना पसंद करोगी....सुजाता बोली....क्यों नहीं...बोलो क्या बोलना है ? राघव चुपचाप मन में सोच रहा था दिल की बात मैं सुजाता से कैसे बताऊं। सुजाता बोली......बोलोगे भी या चुप ही रहोगे ? राघव बहुत हिम्मत जूटाते हुए बोला...... मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं..!!सुजाता सुनते ही बोल पड़ी....तुम पगला गए हो क्या....मेरा परिवार नहीं है जो मैं अपने मनसे फैसला लूंगी... मेरा शादी का फैसला मेरी मां करेगी ! इतना बोल कर गुस्साए मूड में जाने लगी! राघव दौड़ता हुआ सुजाता के पास पहुंचा और उसका हाथ पकड़ कर कहने लगा मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें समझ नहीं पाया....!! सुजाता बोली तुम मेरे जाति के हो, मेरे धर्म के हो इसलिए मैं तुम्हारे पास बैठकर बात कर रही हूं और इसीलिए दोस्ती भी की है......और तुम........ इतना कहकर सुजाता राघव का हाथ झटक कर अपनी घर की ओर चल पड़ी...!! """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" आगे भाग... 5...जरूर पढ़ें.प्रमोद मालाकार की कलम से 24.07.2021....93... """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""''"""" ©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...94... #DearCousins