नदिया की अविरल धारा जैसे नदिया की अविरल धारा जैसे, बहते हमें भी रहना है। रुकना नहीं कभी जिंदगी में, चलते हमें भी रहना है। जीवन का सीख सिखाती यही, दृढ़ता से हमें चलना है। उदाहरण मानो अब तुम मुझको, मेरे जैसा ही तुम्हें बनना है। राह चाहे कितनी भी हो जटिल, तुमको सिर्फ बढ़ते जाना है। सीडी दर सीढ़ी देखो अब तुमको, ऊपर ही चढ़ते जाना है। मेरे बहने से जो आवाज है आती, वही संगीत सी लगती है। कांटे पत्थर जिससे भी टकराऊं, तभी आवाज़ ही आती है। उसकी बातों से मुझे भान हुआ, जीवन की है सच्चाई यही। जब इसका ही इतना परिश्रम है, करना है हमें भी काम वही। तभी कर पायेंगे हम कुछ जग में, इसकी शिक्षा ही आधार है। हमारी भी हो आगे तरक्की जग में, भगवान को भी यही आसार है। देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नदिया_की_अविरल_धारा_जैसे नदिया की अविरल धारा जैसे नदिया की अविरल धारा जैसे, बहते हमें भी रहना है। रुकना नहीं कभी जिंदगी में, चलते हमें भी रहना है।