पन्नों पे बिखेर दी मैंने अपनी जिंदगी और लोगों ने कहा वाह क्या बात है, स्याहियों से लिपट गई, मेरे हर एक अनकहे दास्तां, और लोगों ने कहा वाह क्या लिखा हैं, जो शब्द मैंने पिरोए,वो मेरे आंसू थे, जो कह ना पाएं,वो मेरे दबे जज़्बात थे जो पूरी ना हो सकी, वो मेरी अधूरी कहानी थी, जो हर रोज टूटती चली गई वो मेरे बुनें ख्वाब थे, जो मेरे अनदेखे घाव थे,उनके वो निशान थे, और लोगों का क्या था... हर बार तालियां बजा कर , यही कहते रहे.. वाह क्या बात है वाह क्या बात है। Naina ki Nazar se Naina ki nazar se