परेशान उनकी नादानियाँ हमारी परेशानियाँ बन गईं, रुख़सार पे अश्कों की निशानियाँ बन गईं, फूल कांटों के बीच भी हस हस कर जिये, और एक हम हसे तो कहानियाँ बन गईं ©सुशांत 'निश्चिंत' #MainShayarBadnaam