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किस्मत में जब लिखी जुदाई थी, फिर बार-बार मिलने की

किस्मत में जब लिखी जुदाई थी, फिर बार-बार मिलने की रीत किसने बनाई थी, ना कसमें होती ना रस में होती, जब दो दिल मिलते तो सिर्फ वादे और मोहब्बत होती,,,,, Mamta Singh Rit
किस्मत में जब लिखी जुदाई थी, फिर बार-बार मिलने की रीत किसने बनाई थी, ना कसमें होती ना रस में होती, जब दो दिल मिलते तो सिर्फ वादे और मोहब्बत होती,,,,, Mamta Singh Rit