ज़िन्दगी का आख़िरी मक़ाम है मौत सफ़र पर हैं सभी, किसका क़ाम है मौत..! मौत को लोंगो नें बदनाम कर रखा है ज़िन्दगी कठिन है, बहुत आसान है मौत..! बात तज़ूर्बे की नहीं, पूरें सफ़र की है शोर कर लो खूब, बहुत सुनसान है मौत..! भटकतें है सभी सफ़र पुरा करने को ज़िन्दगी पूरी हो गयीं,इसकी पहचान है मौत.! बहुत उधेड़बुन में उलझें है सभी जो कमायें हो ज़मा करों,खलिहान है मौत.! सभी क़े कर्मो का ज़ाईज़ा है ज़िन्दगी तुम्हारे जमा पुज़ी का नफ़ा नुकसान है मौत..! तुम्हें लगता है तुमसा कोई नहीं है ऊचाईयां चढ़ लो खूब, तेरा अवसान है मौत..!! ©Shreyansh Gaurav #ज़िन्दगी मौत #Thinking