"हरि ॐ तत्सत्" अब तलक हैं मौन गिरधर,सौ पाप क्षम्य करते हैं। पुण्य नष्ट हो जाएं ज्यों ही,संहार करने बढ़ते हैं।। कर लूँ प्रतीक्षा नराधमों का सताया हुआ हूँ। १००वें पाप पूर्ण होने पर ही,शीश धड़ से उखड़ते हैं। ©ऋतुराज पपनै #हरि_ॐ_ततसत #कृष्ण_कब_आओगे #शिशुपाल_वध