मैं उसके सारे सवालों में अपने जवाब देखता हूं गुलाब साथ कांटे नही,कांटो में गुलाब देखता हूं सोच अलग है सब से मेरे देखने के अंदाज़ भी जुदा ढूंढता हूं कुछ अच्छा,न कि सब मैं खराब देखता हूं गुनाह था, ताक़ीद थी और भी बहुत कुछ बस वो कहीं नहीं जो मौजूद था कहीं! #ros #YourQuoteAndMine Collaborating with Roli Abhilasha