घूमता फिरता था नश्श- ए-ग़फ़लत (अज्ञान का नशा) में मैं तालिमे-फ़ना (मृत्यु शिक्षा) ने ये समझाया है आदमी कुछ नहीं रुह के बिना परिंदा ले उड़े ऐसा अदना साया है।।। #jeevan ka satya hai ye