देख के अत्याचार जब रिहाना ने दिए विचार मुंबई में मच गया हाहाकार कुछ कलाकारों ने अपने दिये विचार ये वही विचार शून्य लोग हैं जो इस सरकार के लिए बहुमूल्य हैं इन्हें किलें ना तो हैं दिखती ना आंसू गैस ही दिखता बस किसानों में ही सब दोष दिखता इनसे भला कोई पूछे किसानों पर बात करने से देश कैसे है टूटता? इनके लिए तो ट्रम्प ही अच्छा जो भारत के हर मामले पर टिप्पणी था करता रिहाना है बेकार जिसने किसानों पर ब्यक्त कर दिए उद्गार ये सब दरअसल फासीवादियों के बन गए हैं बड़े पैरोकार हिलाते हैं दुम जैसे हिलवाती है सरकार... ©vs dixit pairokar #lovebirds