White सच कहूं तो आजकल गुमसुम सी रहने लगी हूँ, भीड़ जंचती नही इसलिए अकेली सी रहने लगी हूँ, परेशान तो हूँ पर किसी से कह नही सकती, आँसुओं को किसी के सामने छलकने नही दे सकती, इस कारण अपनों से भी थोड़ी दूर रहने लगी हूँ, झूठी हँसी चेहरे पर रखने लगी हूँ, खुशियों से भी बेगानी सी रहने लगी हूँ, सच कहूं तो बड़ी चुपचाप सी रहने लगी हूँ। ©Supriya Jha #गुमसुम