जीवन के इस भाग-दौड़ में,
दो चार कदम साथ चलके,
मेरी नजरें बचा के वो चुरा लेता हैं,
अपने हिस्से के दो चार पल हमारी जिंदगी से,
अपनी निजी खुशियों के लिए,
कुछ संजोयी यादों और बातों के लिए,
कुछ सँवरते ख्वाब से बारातों के लिए।
तो क्यूँ स्नेह सरिता सिमट जाती है, #समय#yqbaba#yqdidi#yopowrimo#गृहस्थी