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#KargilVijayDiwas राजनेताओें के बच्चे देश का भविष्

#KargilVijayDiwas राजनेताओें के बच्चे देश का भविष्य नहीं हो सकते हैं वे केवल राजनेताओें का भविष्य होते हैं। 

यदि आपको लगता है कि किसी राजनेता के बच्चे को आप केवल इसलिए चुन रहे हैं कि वह आपके क्षेत्र का या देश का भविष्य हो सकता है क्योंकि वह किसी राजनेता का बेटा या बेटी है तो एक बार फिर सोचिए। वे आपके क्षेत्र, राज्य या देश का भविष्य नहीं हो सकते, वे केवल उस राजनेता का भविष्य हैं। 
वैसे भी यदि एक ही परिवार से राजनेता आते रहे, पहले उनके माता या पिता राजनेता बने, फिर वे खुद राजनेता बने, फिर उनका बेटा या बेटी राजनेता बने, फिर उनके पोते-पोती राजनेता बने तो फिर राजशाही और लोकशाही में अंतर ही क्या रह गया। 
इन लोगों ने लोकतंत्र का पूरी तरह मज़ाक़ बना रखा है और राजनीति को ख़ानदानी पेशा या व्यवसाय बना लिया है, चुनाव उनके परिवार का व्यक्ति ही लड़ेगा, उनके परिवार का व्यक्ति ही सांसद/विधायक बनेगा पर आख़िर क्यों और किस आधार पर?
क्या आपके क्षेत्र, राज्य या पूरे देश में उनसे काबिल कोई व्यक्ति है ही नहीं? क्या उनमें ऐसी कौन सी ख़ासियत है जो दूसरों में नहीं है या नहीं हो सकती है?  असल में गलती उन राजनैतिक घरानों या उनके परिवार के लोगों की नहीं है गलती है जनता की, जनता आज आज़ाद  हो गई है परन्तु ग़ुलामी करने और राजाओं के सामने सर झुकाकर उनकी ग़लत-सही सभी बातों को स्वीकार करने की हमारी आदत अभी छूटी नहीं है। 
आज भी कई ऐसा नेता है जो राजा या महाराजा कहलाते हैं और वे जनता से खुद को राजा, महाराजा या युवराज कहलवाते भी हैं और जनता इतनी मुर्ख है कि वह कहती  भी है,पर अब जनता को ही तय करना होगा कि क्या वह उन्हीं परिवारों के लोगों को राजनेता के रूप में स्वीकार करती है या खुद आगे आकर अपनी क़ाबलियत साबित करती है कि यदि उनको अवसर मिले तो वे इन राजनेताओें से बेहतर ढंग से शासन चला सकती है। 
आज संविधान का राज है, अब लोकशाही है तानाशाही या राजशाही नहीं अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, बल्कि राजा वह बनेगा जो सबसे काबिल होगा। इसके लिए आम साधारण परिवार के लोगों को आगे आना होगा और सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेनी होगी। 

हमें राष्ट्रीय स्तर पर जनता को जागरूक करना होगा तथा ऐसे काबिल, सक्षम और हर प्रकार से मज़बूत लोगों की खोज करनी होगी जो अपनी आराम की शानदार ज़िन्दगी छोड़कर देश के लिए, समाज के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की राजनीति को पूरी तरह बदलने के कार्य में अपना धन,मन,तन, अपना जीवन, अपना आराम, अपना सुख चैन सब त्याग सकें। 

जय हिन्द जय भारत #पीकेपारस
#KargilVijayDiwas राजनेताओें के बच्चे देश का भविष्य नहीं हो सकते हैं वे केवल राजनेताओें का भविष्य होते हैं। 

यदि आपको लगता है कि किसी राजनेता के बच्चे को आप केवल इसलिए चुन रहे हैं कि वह आपके क्षेत्र का या देश का भविष्य हो सकता है क्योंकि वह किसी राजनेता का बेटा या बेटी है तो एक बार फिर सोचिए। वे आपके क्षेत्र, राज्य या देश का भविष्य नहीं हो सकते, वे केवल उस राजनेता का भविष्य हैं। 
वैसे भी यदि एक ही परिवार से राजनेता आते रहे, पहले उनके माता या पिता राजनेता बने, फिर वे खुद राजनेता बने, फिर उनका बेटा या बेटी राजनेता बने, फिर उनके पोते-पोती राजनेता बने तो फिर राजशाही और लोकशाही में अंतर ही क्या रह गया। 
इन लोगों ने लोकतंत्र का पूरी तरह मज़ाक़ बना रखा है और राजनीति को ख़ानदानी पेशा या व्यवसाय बना लिया है, चुनाव उनके परिवार का व्यक्ति ही लड़ेगा, उनके परिवार का व्यक्ति ही सांसद/विधायक बनेगा पर आख़िर क्यों और किस आधार पर?
क्या आपके क्षेत्र, राज्य या पूरे देश में उनसे काबिल कोई व्यक्ति है ही नहीं? क्या उनमें ऐसी कौन सी ख़ासियत है जो दूसरों में नहीं है या नहीं हो सकती है?  असल में गलती उन राजनैतिक घरानों या उनके परिवार के लोगों की नहीं है गलती है जनता की, जनता आज आज़ाद  हो गई है परन्तु ग़ुलामी करने और राजाओं के सामने सर झुकाकर उनकी ग़लत-सही सभी बातों को स्वीकार करने की हमारी आदत अभी छूटी नहीं है। 
आज भी कई ऐसा नेता है जो राजा या महाराजा कहलाते हैं और वे जनता से खुद को राजा, महाराजा या युवराज कहलवाते भी हैं और जनता इतनी मुर्ख है कि वह कहती  भी है,पर अब जनता को ही तय करना होगा कि क्या वह उन्हीं परिवारों के लोगों को राजनेता के रूप में स्वीकार करती है या खुद आगे आकर अपनी क़ाबलियत साबित करती है कि यदि उनको अवसर मिले तो वे इन राजनेताओें से बेहतर ढंग से शासन चला सकती है। 
आज संविधान का राज है, अब लोकशाही है तानाशाही या राजशाही नहीं अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, बल्कि राजा वह बनेगा जो सबसे काबिल होगा। इसके लिए आम साधारण परिवार के लोगों को आगे आना होगा और सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेनी होगी। 

हमें राष्ट्रीय स्तर पर जनता को जागरूक करना होगा तथा ऐसे काबिल, सक्षम और हर प्रकार से मज़बूत लोगों की खोज करनी होगी जो अपनी आराम की शानदार ज़िन्दगी छोड़कर देश के लिए, समाज के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की राजनीति को पूरी तरह बदलने के कार्य में अपना धन,मन,तन, अपना जीवन, अपना आराम, अपना सुख चैन सब त्याग सकें। 

जय हिन्द जय भारत #पीकेपारस