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उसकी ख़ामोशी में छुपा था इक राज़ गहरा, गुलाब तोड़ा

उसकी ख़ामोशी में छुपा था इक राज़ गहरा,
गुलाब तोड़ा उसने, और खुद को गुनहगार कह दिया।

सिर्फ़ चुप रह कर उसने सब कुछ बयान कर दिया,
कभी न बोला, पर दिल की हर बात कह दिया।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
"उसकी ख़ामोशी में छुपा था इक राज़ गहरा,
गुलाब तोड़ा उसने, और खुद को गुनहगार कह दिया।
सिर्फ़ चुप रह कर उसने सब कुछ बयान कर दिया,
कभी न बोला, पर दिल की हर बात कह दिया।"

ऐसा शेर दूसरे मुद्दों पर बनाओ
उसकी ख़ामोशी में छुपा था इक राज़ गहरा,
गुलाब तोड़ा उसने, और खुद को गुनहगार कह दिया।

सिर्फ़ चुप रह कर उसने सब कुछ बयान कर दिया,
कभी न बोला, पर दिल की हर बात कह दिया।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
"उसकी ख़ामोशी में छुपा था इक राज़ गहरा,
गुलाब तोड़ा उसने, और खुद को गुनहगार कह दिया।
सिर्फ़ चुप रह कर उसने सब कुछ बयान कर दिया,
कभी न बोला, पर दिल की हर बात कह दिया।"

ऐसा शेर दूसरे मुद्दों पर बनाओ