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" ना गैरों में चर्चा, ना अपनों में जिकर है माटी के

" ना गैरों में चर्चा, ना अपनों में जिकर है
माटी के पुतले हैं, काहे की फिकर है
जहाँ मिलती होगी ख़ुदी बेखुदी से
तुम समझ लेना वही मेरा शहर है"

#बेपरवाह_राही
#सदैव

©Dev As
  #BadhtiZindagi