#पौधा एक छोटी सी डाली घर मे मैंने जिसे लगाया था ध्यान दिया ना पानी उसको घर ही जिसने बदला था धीरे धीरे पीली हुई और हो गयी फिर काली भी पत्ते भी न बाकि थे अब सूख चुकी वो डाली भी हल्का सा जो ध्यान दिया फिरसे हो गए हरे हरे सूख चुकी थी जो डाली पत्ते जिसके सूख चुके थोड़ी सी दी खाद उसे और वक़्त पे उसको पानी दिया आज देख के सुकूं मिला जब पत्ता देखा उसपे नया काट दिया होता ग़र इसको जब ये पौधा सूखा था क्या फिरसे ये उठ पाता जो मौका फिरसे दिया ना होता देख इसे यूँ हरा भरा ख़्याल मन मे आया है रिश्तों की ग़र बात करूं क्या पौधे जैसे नहीं हैं ये पानी खाद जो दोनों देते क्या न फलते तेरे मेरे -Anshh पौधा