White जाना कहाँ है, पता नहीं, आ कहाँ से रहे, पता नहीं , जब आने जाने का पता नहीं तो सफ़र में क्यूँ हैं, किसलिए जनना तो है, जानते नहीं, अपनी कमी को मानते नहीं, सफ़र मुकम्मल कहाँ हुआ किसने जाना है यहां, अभी तो ख़ुद को भी हम पहचानते नहीं ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI) #Thinking