दिल की बातों को छुपाना आसान नही है हर एक एहसास हर पल मे बयान हो जाता है,, रात भर तारे गिनके सोचते है हम जो दिल के अंदर छुपा है, उस राज को छुपाएं कैसे,, आँखों मे छुपी है बातें पर दिल से कहने का है डर कब तक छुपा सकते है, ये भी कोई सवाल है,, पहचान छुपी हो या ना हो दिल की गहराईयों मे वो एहसास है जो हर पल हमारे साथ है,, लोग समझते है हमको अंजान पर दिल की जुबान से कहना है हमको कुछ खास,, पहचान छुपा सकते है शायद, पर दिल की बात नही दिल मे जो छुपा है वो असली पहचान है हमारी,, ©Karan Mehra #छुपाना