ख़्वाब और ख़्याल एक ख़्वाब कबसे देख रही हाथों में तेरे मेरा हाथ हो कुछ न कहें मौन की भाषा में एक दूजे की बात समझ जायें अनजान थी अल्हड़ थी बेपरवाह थी जबसे तुम ख़्यालों में आने लगे हो ज़माने से दूर गुमसुम सी रहने लगी हूँ हे अजनबी ! कौन हो तुम जो इस तरह सताने लगे हो #khwaab #nojoto #story #hindi #writersofnojoto #hindiwriters #wordporn #words #poem #poetry #hindipoetry #shayri #nojotohindi #writersofinsta