मेरा रूप कंलकित होगा , नहीं मुझे था ज्ञान ज्ञान अब दे देना-2 ज्ञान अब दे देना ... भटक रहा राहों में कब से समझे सब नादान राह दिखला देना -2 राह दिखला देना ..... साथ नहीं चल सकते हो तुम दे दो अरुण प्रकाश तिमिर ये मिट जाए -2 तिमिर ये मिट जाए .... जीत न पाऊँ इस दुनिया को मैं बालक नादान , ज्ञान अब दे देना -2... छलता आया ये जग सारा कैसे करूँ बयाँन आँन अब रख लेना -2 आँन अब रख लेना.... जब भी कष्ट मिला है मुझको लिया तेरा नाम लाज अब रख लेना -2 लाज अब रख लेना ..... किसे पुकारूँ स्वार्थी सब जन साँचा तेरा नाम शरण में ले लेना -2 शरण में ले लेना..... मेरा रूप कंलकित होगा नहीं मुझे था ज्ञान...... महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मेरा रूप कंलकित होगा , नहीं मुझे था ज्ञान ज्ञान अब दे देना-2 ज्ञान अब दे देना ... भटक रहा राहों में कब से समझे सब नादान राह दिखला देना -2