Nojoto: Largest Storytelling Platform

ख़ामोश लब क्यों रहें, चलो इन्हें कुछ काम दें..! ते

ख़ामोश लब क्यों रहें,
चलो इन्हें कुछ काम दें..!

तेरे गोरे गालों पर मोहर लगा,
मोहब्बत का इनाम दें..!

ख़ूबसूरत नज़ारें नैनों को लगे प्यारे,
ज़माने को अपनी चाहतों का पैग़ाम दें..!

समां हसीं तुम मन में बसी,
सादगी का अनोख़ा प्रमाण दें..!

मस्तक पे सजा कर ध्वज सी आकृति,
लहराते प्रेम को कुछ ऐसा मकाम दें..!

जहाँ में चमके इंद्रधनुष की भाँति,
अपने इश्क़ को नया आयाम दें..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #febkissday #khamoshlab