शाम भी थी कल क्षितिज पे तब जब सागर में फिर फिसली धूप गीली-गीली हवा लगी तो ठिठुर-ठिठुरकर निकली धूप कूट-कूट कर अदरक सौंधी चाय चढ़ाई भाभी ने पीकर कड़क घूँट दो जिसके देखो कैसी निखरी धूप ©Ghumnam Gautam #शाम #क्षितिज #चाय #हवा #ghumnamgautam