सूखे हुए पेड़ पर घर था हमारा एक हवा के झोके ने उसे भी तोड़ दिया अरे! हम तो चले थे कब्रिस्तान की तरफ मरने के लिए उन्होंने दे के अपनेपन का दिलासा हमें वापिस मोड़ दिया हमे जब खुद से भी ज्यादा उनसे प्यार हुआ तो उस ने भी तड़पने के लिए मुझे अकेला छोड़ दिया अरे हम तो परिंदे थे बिना पंखों के और उस कमबख्त ने हमें बीच आसमान में छोड़ दिया #smog