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मैं एक कविता...... जो मिलना हो मुझसे तो ना ढूंढना

मैं एक कविता......
जो मिलना हो मुझसे तो 
ना ढूंढना मुझे कभी शब्दों में
मैं मिलूंगी तुम्हे शब्दों के अंतराल में,
सुनना चाहो जो कभी मुझे
तो सुनना मेरी ख़ामोशी को
मैं बोलती हूं अक्सर
दो पंक्तियों के बीच के मौन में
मैं कविता.......
मैं सिर्फ शब्द, पंक्ति या छंद नहीं
मैं उनसे बहता एक एहसास हूं
समझना चाहो जो कभी मुझे
तो समझना मेरे पूर्ण और अर्ध विराम को
मैं अक्सर इन्हीं विरामों के बीच ठहरती हूं
मैं एक कविता .........
मुझे देखना हो जो कभी
तो पढ़ कर मुझे बंद कर लेना आंखें
मैं अक्सर बंद पलकों में ही कैद रहती हूं......

©megha  love status
मैं एक कविता......
जो मिलना हो मुझसे तो 
ना ढूंढना मुझे कभी शब्दों में
मैं मिलूंगी तुम्हे शब्दों के अंतराल में,
सुनना चाहो जो कभी मुझे
तो सुनना मेरी ख़ामोशी को
मैं बोलती हूं अक्सर
दो पंक्तियों के बीच के मौन में
मैं कविता.......
मैं सिर्फ शब्द, पंक्ति या छंद नहीं
मैं उनसे बहता एक एहसास हूं
समझना चाहो जो कभी मुझे
तो समझना मेरे पूर्ण और अर्ध विराम को
मैं अक्सर इन्हीं विरामों के बीच ठहरती हूं
मैं एक कविता .........
मुझे देखना हो जो कभी
तो पढ़ कर मुझे बंद कर लेना आंखें
मैं अक्सर बंद पलकों में ही कैद रहती हूं......

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meghakandpal5622

megha

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