#"यहाँ सारे गवाह मर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll
तबाही पर वाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll
जिनके अहंकार को वक्त ने जमींदोज किया,
वो सारे शहंशाह मर चुके हैं गवाही कौन देगा ll
जिनसे उम्मीद थी मुंह खोलेंगे, सच बोलेंगे,
वो सारे गुनाह कर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll #Quotes#poem#lifequotes#poetrylovers