पीछे सूखी ऑंखों के , बरसात छुपाए बैठा है
दिल के अंदर हर एक शख़्स राज़ दबाए बैठा है
गैर के दर्द पर हँसने वाले लाखों हैं इस दुनिया में
आज का इंसाँ , इंसानियत का फ़र्ज़ भुलाए बैठा है
टूटकर ये बिखरा , हुआ बर्बाद मगर फिर भी
दिल भी कितना नादां है, आस लगाए बैठा है #ghazal#dilse#शायरी#jajbaat#shayaari#real_life#nojohindi#BeatMusic#शादग़ज़ल