यह कहना देवी जा रही हैं, कहीं न कहीं अखरता है। शक्ति कभी भी जाती नहीं, वह रहती है, हमारे साथ ही। उन सारे स्वरूप को मैं प्रणाम करता हूँ, प्रणाम करता हूँ उस प्रकृति को जिसकी गोद में जी रहा हूँ। प्रणाम करता हूँ उस माँ को जो हमेशा हर मुश्किल से बचाती है। प्रणाम करता हूँ उन साथियों को जो ज़िन्दगी की लड़ाई में साथ खड़ी होती हैं। प्रणाम करता हूँ उस प्रेम को जो आधा हिस्सा बन जाती है। प्रणाम है उन लड़कियों को भी, जिन्होंने बहुत कुछ सिखा दिया है। प्रणाम करता हूँ उन्हें भी जो साथ तो नहीं, लेकिन अपना हिस्सा बरकरार रखा है। ©Ananta Dasgupta #anantadasgupta #Dussehra #Vijayadashmi #Shakti #devi #durga