आहट तेरी आने का गजब ढाया ! मीठे जज्बातों का ताल्लुकात ना खुदा को भाया, उड़ने लगा था मन, निखरने लगा था तन भावनाओ में डूबने लगी थी मैं मिलन के ख्वाब बुनने लगी थी मैं, सजकर निकली थी मैं दुल्हन की तरह बरसने लगे नैना सावन की तरह, तिरंगे में लिपटे तेरे जनाजे को कभी भुला ना सकी सालों बाद उकेर दिया दर्द को कोरे पन्ने पर हमने क्या करूं दर्द इतना गहरा था कि आज तक छुपा न सकी, आहट तेरी आने का गज़ब ढाया मीठे जज्बातों का ताल्लुकात ना खुदा को भाया। । ©chanda Yadav #wordsofchanda#sadpoetry