Nojoto: Largest Storytelling Platform

वक़्त की रफ़्तार और ज़िद के माहौल में तुमसा सब्र किसी

वक़्त की रफ़्तार और ज़िद के माहौल में तुमसा सब्र किसी मे नहीं देखा
कितने चहेरे देखे हैं मैंने पर हर लम्हें में तुमसा मुस्कुराते किसी को नहीं देखा

कहीं नसीब जुड़े कुछ कदम मिले, मिले कदमों से कई साथ चले
फिर भी बिना कोई बंधन के रिश्ते निभाते तुमसा किसी को नहीं देखा

दिल में जगह देकर मन में कैद हुए अपने ही वजूद से फिसलती रेत हुए
वहीं बंद कमरे में रहकर भी तुमसा आज़ाद किसी को नहीं देखा

हारकर बैठ जाना बैठे बैठे अपने नसीब को कोसना
पर हार कर भी जीतने का जुनून तुमसा हौसला किसी में नहीं देखा

©Sonu Goyal
  वक़्त की रफ़्तार और ज़िद के माहौल में तुमसा सब्र किसी मे नहीं देखा
कितने चहेरे देखे हैं मैंने पर हर लम्हें में तुमसा मुस्कुराते किसी को नहीं देखा

कहीं नसीब जुड़े कुछ कदम मिले, मिले कदमों से कई साथ चले
फिर भी बिना कोई बंधन के रिश्ते निभाते तुमसा किसी को नहीं देखा

दिल में जगह देकर मन में कैद हुए अपने ही वजूद से फिसलती रेत हुए
वहीं बंद कमरे में रहकर भी तुमसा आज़ाद किसी को नहीं देखा
sidhdh5423244300493

Sonu Goyal

Gold Star
Super Creator

वक़्त की रफ़्तार और ज़िद के माहौल में तुमसा सब्र किसी मे नहीं देखा कितने चहेरे देखे हैं मैंने पर हर लम्हें में तुमसा मुस्कुराते किसी को नहीं देखा कहीं नसीब जुड़े कुछ कदम मिले, मिले कदमों से कई साथ चले फिर भी बिना कोई बंधन के रिश्ते निभाते तुमसा किसी को नहीं देखा दिल में जगह देकर मन में कैद हुए अपने ही वजूद से फिसलती रेत हुए वहीं बंद कमरे में रहकर भी तुमसा आज़ाद किसी को नहीं देखा #Knowledge #moveon

1,589 Views