सोन चिड़ैया साथ में लेकर चलता हूँ, कुछ बुराइयाँ साथ में लेकर चलता हूँ, कब तबियत नासाज़ ज़रा सी हो जाए, कुछ दवाइयाँ साथ में लेकर चलता हूँ, जीवन है संगीत मधुर कुछ शब्दों का, कुछ रुबाईयाँ साथ में लेकर चलता हूँ, ना जाने किस मोड़ पे गम आकर घेरे, नाम खेवैया साथ में लेकर चलता हूँ, कड़वाहट बढ़ गई है कितनी रिश्तों में, कुछ मिठाइयाँ साथ में लेकर चलता हूँ, दूर अक़ीदत से पाओगे ख़ुशी कहाँ, खाट मड़ैया साथ में लेकर चलता हूँ, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिरनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #साथ में लेकर चलता हूँ#