जब भी ग्वालिनें अपने सर पर, मटकी लेकर जाती थीं, कन्हैया सखाओं के संग चुपके से पेड़ों पर चढ़ जाते थे, पहले झुककर सखाओं संग, हाथों से मख्खन चुराते थे, फिर उनकी मटकी फोड़, कन्हैया गोपिन को सताते थे। जब ग्वालिनें उन्हें पकड़कर, उलाहना लेकर जाती थी, यशोदा लल्ला को मैंने बांधा, मख्खन चुराकर खाया है, इन लीलाओं में भी प्रभु अपनी अद्भुत लीला दिखाते थे, उन ग्वालिनों को प्रभु माया रुप में वहाँ भी नजर आते थे प्रभु अपनी हर एक लीला के पीछे उपदेश बतलाते थे, गोकुल के दूध माखन को, कर के रूप देने से बचाते थे, दूध, दही और माखन को बाहर जाने से भी बचाते थे, अपने सखाओं और गायों को खूब तंदुरुस्त बनाते थे, जिनका भी प्रभु माखन, अनाज का एक अंश खाते थे, लक्ष्मी की सहायता से उसका काया कल्प कर जाते थे, एक बार बचपन के सखा सुदामा के तांडुल खाए थे, दो मुट्ठी चावल के बदले, दो लोक का स्वामी बनाए थे। Aap sabko certificates day time me milenge... #competition #allthebest #topic #krishna #krishnalove #yqbaba #krishnamatki Time limit till today 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...