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साम्प्रदायिक हिंसा हो या फिर किसी घोटाले की करतूत

साम्प्रदायिक हिंसा हो  या फिर किसी घोटाले की
करतूत...... ज़ब तक अपराध  प्रमाणित  नहीं
हो जाता   तब तक अपराधी  साफ है उजला है
एक लम्बे समय तक वो  तथाकथित दागी. अपने  अपराधी
अस्तित्व क़ोसफ़ेद कपड़ो   में बचा  कर रखने में सक्षम होता है  
.. अपने अपराधी चेहरे पर मुखौटे लगा कर. एक सम्मानित नागरिक बना रहता है   समाज में.... इस दर म्यान कई बार
पद्मभूषण और  ताम्र पत्र भी  पाने में सफल हो जाता है
और यही है वे शातिर लोग. ज़ो समाज में. धर्मकी दुहाई देतेहै
लोगो में भरोसा बनाये रखने के लिये  अच्छी अच्छी नसीहते  बाँटा करतेहै

©Parasram Arora अपराधी तत्व......
साम्प्रदायिक हिंसा हो  या फिर किसी घोटाले की
करतूत...... ज़ब तक अपराध  प्रमाणित  नहीं
हो जाता   तब तक अपराधी  साफ है उजला है
एक लम्बे समय तक वो  तथाकथित दागी. अपने  अपराधी
अस्तित्व क़ोसफ़ेद कपड़ो   में बचा  कर रखने में सक्षम होता है  
.. अपने अपराधी चेहरे पर मुखौटे लगा कर. एक सम्मानित नागरिक बना रहता है   समाज में.... इस दर म्यान कई बार
पद्मभूषण और  ताम्र पत्र भी  पाने में सफल हो जाता है
और यही है वे शातिर लोग. ज़ो समाज में. धर्मकी दुहाई देतेहै
लोगो में भरोसा बनाये रखने के लिये  अच्छी अच्छी नसीहते  बाँटा करतेहै

©Parasram Arora अपराधी तत्व......

अपराधी तत्व...... #विचार