#OpenPoetry तन्हा हाँ तुम तन्हा छोड़ गए हो अपना कुछ यहाँ छोड़ गए हो बुझा न पाता दरिया जिसको तुम ऐसे जलता छोड़ गए हो दहक रहे अँगारे तन में मन में सीलन छोड़ गए हो तुम क्या जानो मेरे दिलबर तुम कितना कुछ छोड़ गए हो मेरे अहसासों में बसकर तुम खुद को जोड़ गए हो दिल की सूनी गलिया देखो तुम हँस कर छोड़ गए हो मेरे नाजुक दिल को फ़िर तुम ज़र्रा ज़र्रा तोड़ गए हो हाँ तुम तन्हा छोड़ गए हो #OpenPoetry #love #Najm#shayri