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रिटायरमेंट का दर्द अक्सर रिटायरमेंट का सुनकर सबको

रिटायरमेंट का दर्द
अक्सर रिटायरमेंट का सुनकर सबको खुशी ही मिलती है तो इस शीर्षक को सुनकर थोड़ा सा अजीब जरूर लगेगा अक्सर हम लोग रिटायरमेंट को सुनकर ऐसा ख्याल आता है ना की लंबी छुट्टियां जिसके बाद इंसान अपने परिवार के साथ रहेगा बहुत सारे अधूरे काम होते हैं उनको पूरा करने का समय आएगा रिटायरमेंट का प्रोग्राम होगा तब इस फंक्शन का खाना कर देंगे घर में जागरण हो जाएगा अरे डीजे पर खूब नाचेंगे रिटायरमेंट पर।
कभी सोचा है कि जिस इंसान का रिटायरमेंट होता है उसे सब खुशी के साथ एक दुख होता है की जिंदगी के इतने साल उसने जिस डिपार्टमेंट को दिये जिस दफ्तर में वो रोज जाते रहे जिन लोगों से वो रोज मिलते थे अब वहां कभी नहीं जाएंगे और जाएंगे भी तो बहुत महीना और सालों बाद और रिटायरमेंट एक दुख और दिखता है कि वह बुढ़ापे की और करीब आ गया इंसान और अधिकांश समय सिर्फ घर में रहेगा।
यह भी सोचता है कि आज इस रिटायरमेंट के अवसर पर परिवारजन, रिश्तेदार और साथीगण सभी एक साथ है फिर न जाने कब ऐसा अवसर आएगा और दुख होता है उन खूबसूरत पलों का की अब हम कभी रोज नियत समय पर अपने कार्य पर नहीं जा पाएंगे कभी अपने साथियों से नहीं मिल पाएंगे...कभी-कभी सहकर्मियों के साथ रिश्तेदारों से भी अच्छा संबंध बन जाता है या यूं कहो बहुत अच्छे मित्र बन जाते हैं और फिर बस यह फोन तक या शादी पार्टी में कभी कबार मिलना हो पाता है क्योंकि इस रिटायरमेंट के साथ जुड़े होते हैं सबके भविष्य के अलग- अलग प्लान।

©Priya Gour
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#Retirement 
#30Jan 4:22
#seashore