"सोचने से क्या होगा सोचना ही हर फसाद ही जड़ है।" जनाब सोचना ही हर रिश्ते की बुनियाद है। सोचना ही हर इमारत को कागज़ पर खीचने की नींव है। सोचना ही हर सफर पर चलने का पहला कदम है। सोचना ही अमीर और गरीब के दर्मीयां एक पुल है। सोचना ही खुशी और दुख के बीच की दीवार है। "दुनिया खूबसूरत है जनाब सोच के तो देखो एक बार।" - श्लाघा #thinking #life