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लिख दू गज़ल में तुझ पर, पर मेरे अल्फ़ाज़ अधूरे रह जात

लिख दू गज़ल में तुझ पर, पर मेरे अल्फ़ाज़ अधूरे रह जाते है,
छुपा कर भी दिल में, बहुत कुछ हम तुझसे कह जाते है,
होगी शायद कमी मेरी आजमाइशों ,
तभी तो तुझसे मिल कर भी,हम तेरे नही हो पाते है,
#_अल्फ़ाज़_# #आजमाइश
लिख दू गज़ल में तुझ पर, पर मेरे अल्फ़ाज़ अधूरे रह जाते है,
छुपा कर भी दिल में, बहुत कुछ हम तुझसे कह जाते है,
होगी शायद कमी मेरी आजमाइशों ,
तभी तो तुझसे मिल कर भी,हम तेरे नही हो पाते है,
#_अल्फ़ाज़_# #आजमाइश