अपनी लोगों से दूर, शोरगुल से कुछ दूर, षड़यंत्रो से दूर खुद में ही, मग्न रहना अच्छा लगता है श्रोताओं की भीड़ में भी शान्त, रहना अच्छा लगता है। काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले