यकीन की दीवारों पे, नाम श्रीराम.. लिखेंगे, तू मानें या ना मानें, उसीका गुणगान.. लिखेंगे, हमारा पुनर्जन्म यह है या अगला पुनर्जन्म होगा, हम तो हर जन्म बस, सियाराम सियाराम.. लिखेंगे ! कैसा था पुरुषोत्तम, कैसा था परिधान.. लिखेंगे, कैसा थी काया, कैसा था तीर कमान.. लिखेंगे, तुलसी, वाल्मीकि ने लिखा, संग संग लाखों ने लिखा, तू गाये या ना गाये, राम श्रेष्ठ गान.. लिखेंगे! कैसा था पराक्रम, कैसा था बलवान.. लिखेंगे, कैसी थी कांति कला, कैसा था जलपान.. लिखेंगे, अहिल्या, शबरी ने देखा, संग संग लाखों ने देखा, वसुधा के हर खान पर, श्रीराम श्रीराम.. लिखेंगे! कैसा था वचन पथ कैसा था आज्ञावान.. लिखेंगे, कैसा था कर्म पथ कैसा था मित्र हनुमान.. लिखेंगे, विभीषण, रावण ने देखा, संग संग लाखों ने देखा, तू जाने या ना जाने, राम को प्रणाम.. लिखेंगे ! कवि आनंद दाधीच । भारत। ©Anand Dadhich #रामचरितमानस #ram #poemonram #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoemonram #NojotoRamleela