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कोई खुशियों की चाह में रोया, कोई दुखों की पनाह मे

कोई खुशियों की चाह में रोया,
 कोई दुखों की पनाह में रोया,
 अजीब सिलसिला है ये ज़िन्दगी का, 
कोई भरोसे के लिए रोया, 
तो कोई भरोसा करके रोया...!

©VINOD DWIVEDI
  #रोया
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#रोया

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