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जहाँ में एक तुम ही हो, जिसे मैं अपना मानती ह

जहाँ  में  एक  तुम  ही हो, जिसे मैं  अपना  मानती हूँ,
तुम ही मेरी दुनिया हो, किसी और को नहीं जानती हूँ।
तुमसे ही  मेरी  हर सुबह, तुमसे ही  हर शाम  होती है,
मैं  तुम्हें  ही  अपना  परमेश्वर, परवरदिगार  मानती हूँ।  #VKpoetry39

*पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।

#vkpoetry
#collabwithvkpoetry

🏵️ कैप्शन को ध्यानपूर्वक पढ़कर रचना करें 👇
जहाँ  में  एक  तुम  ही हो, जिसे मैं  अपना  मानती हूँ,
तुम ही मेरी दुनिया हो, किसी और को नहीं जानती हूँ।
तुमसे ही  मेरी  हर सुबह, तुमसे ही  हर शाम  होती है,
मैं  तुम्हें  ही  अपना  परमेश्वर, परवरदिगार  मानती हूँ।  #VKpoetry39

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