मेरी प्यारी डायरी एक तू ही तो अपना सा लगती हो, मेरे हरेक दर्द को छुपा लेती हो अपने अंदर, और समा लेती हो मेरे आंशु समन्दर। फिर भी तुम ख़ामोश रहती हो, जब भी ज़ख़्म आवेश में आता है, और दर्द अपना रूप दिखाता है, नयन तुझे ढूँढने लगता है। उतार देता हरेक पीरा को, तुम्हारे ख़ूबसूरत चेहरे पे कर देता हूँ बदसूरत तुम्हारे चेहरे को। फिर भी तुम ख़ामोश रहती हो, क्या तुम्हें कोई गिला नही है मुझसे? जैसे कोई तुम्हें पीरा नही है मुझे ? ‘मेरी प्यारी डायरी’ कोई गिला हो यदि इससे तो बताना मुझसे नही बाटूँगा अपने दर्द भी तुझसे यूँ ही दबा लूँगा हर दर्द को सिने में, ताकि तकलीफ़ न हो तुझे भी जीने में।। #diary #yqbaba #yqdidi मेरी प्यारी डायरी एक तू ही तो अपना सा लगती हो, मेरे हरेक दर्द को छुपा लेती हो अपने अंदर, और समा लेती हो मेरे आंशु समन्दर। फिर भी तुम ख़ामोश रहती हो,