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तुम पत्र लिखो मुझको भेजो गीतों सा उसको गाऊंगा, मैं

तुम पत्र लिखो मुझको भेजो गीतों सा उसको गाऊंगा,
मैं प्रेमी मन की कुटिया से तुम्हे हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम चंचल थी चपला सी थी दामिनि सी दमकी चली गयी,
हर याद तुम्हारी रहती है पर बात कभी न सही लगी,
इस मतलब सी नन्ही दुनिया को हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम पत्र लिखो..................।
हैं सहमे सब पत्ते डाली हैं सहमी सी यादें खाली,
था रूप समंदर सा तेरा कहती है चंदन की डाली,
पर तुम कितने सच्चे थे ये हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम पत्र लिखो मुझको भेजो गीतों सा उसको गाऊंगा...............।
हर प्यास पे दौड़ा था तुम पर तुमने जल के भंडार दिए,
इस विरह में रखना था हमको तो क्यों इतने उपकार किये,
तुम कहती थी हम संग रहें सब घर आंगन आबाद रहे,
उतने ही दिन तुम ठीक रही जब तक हम इलाहाबाद रहे,
मैं इस मीठी चंचलता पर जीवन भर पछताऊंगा ,
तुम पत्र.................
कल रात देर तक याद रही वो चंद दिनों की खुशहाली,
तू रोती थी आंहे भरकर पर आंखे तेरी थी खाली,
ये बात सही तो बिल्कुल है पर बात किसे बतलाऊंगा ,
तुम पत्र.................।
तुम जहां भी हो अच्छी रहना ये हाल किसी से न कहना,
सुन लोग तुम्हे हँस जाएंगे फिर महफ़िल से उठ जाएंगे,
हर कतरा सहमा रोयेगा तब लोग  उसे बतलायेंगे,
वो थी बिहार की कोसी सी आलोक प्रेम बंट जाएंगे,
हम प्रेमी मन की कुटिया से तुम्हे हरगिज़ भूल न पाएंगे,
तुम पत्र लिखो हमको भेजो गीतों सा उसको गायेंगे........। #nojoto #kavita #log #pyar #patr #prem #geet #kvfans
तुम पत्र लिखो मुझको भेजो गीतों सा उसको गाऊंगा,
मैं प्रेमी मन की कुटिया से तुम्हे हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम चंचल थी चपला सी थी दामिनि सी दमकी चली गयी,
हर याद तुम्हारी रहती है पर बात कभी न सही लगी,
इस मतलब सी नन्ही दुनिया को हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम पत्र लिखो..................।
हैं सहमे सब पत्ते डाली हैं सहमी सी यादें खाली,
था रूप समंदर सा तेरा कहती है चंदन की डाली,
पर तुम कितने सच्चे थे ये हरगिज़ भूल न पाऊंगा,
तुम पत्र लिखो मुझको भेजो गीतों सा उसको गाऊंगा...............।
हर प्यास पे दौड़ा था तुम पर तुमने जल के भंडार दिए,
इस विरह में रखना था हमको तो क्यों इतने उपकार किये,
तुम कहती थी हम संग रहें सब घर आंगन आबाद रहे,
उतने ही दिन तुम ठीक रही जब तक हम इलाहाबाद रहे,
मैं इस मीठी चंचलता पर जीवन भर पछताऊंगा ,
तुम पत्र.................
कल रात देर तक याद रही वो चंद दिनों की खुशहाली,
तू रोती थी आंहे भरकर पर आंखे तेरी थी खाली,
ये बात सही तो बिल्कुल है पर बात किसे बतलाऊंगा ,
तुम पत्र.................।
तुम जहां भी हो अच्छी रहना ये हाल किसी से न कहना,
सुन लोग तुम्हे हँस जाएंगे फिर महफ़िल से उठ जाएंगे,
हर कतरा सहमा रोयेगा तब लोग  उसे बतलायेंगे,
वो थी बिहार की कोसी सी आलोक प्रेम बंट जाएंगे,
हम प्रेमी मन की कुटिया से तुम्हे हरगिज़ भूल न पाएंगे,
तुम पत्र लिखो हमको भेजो गीतों सा उसको गायेंगे........। #nojoto #kavita #log #pyar #patr #prem #geet #kvfans
alokyadav2386

Alok Yadav

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