Nojoto: Largest Storytelling Platform

दूर होकर भी इश्क बढ़ता रहा तुम्हारे एहसास से भी द

दूर होकर भी इश्क बढ़ता रहा 
तुम्हारे एहसास से भी दिल पिघलता रहा 
यूं तो कुछ वक्त की दूरी भी काफी थी तुम्हे भुलाने के लिऐ लेकिन न जाने क्यों मुझमें ये दशकों 
 तक जगता रहा।  
खामोश होकर भी शोर करता रहा 
तुम्हे इतना चाह सका ये सकूं दिल में भरता रहा  
यूं तो कभी ख्वाहिश इश्क हासिल करने की न थी लेकिन न जाने क्यों तुम्हे पाने का ख्वाब आंखो में सजता रहा।

©Rajender
  #ishq 
#khwahish
#questionmyself 
#ArabianNight