ये हँसने की बात नही तुम तो मुस्कुराती हो टुकड़े में बांट कर मुझे फिर क्यूँ जुटाती हो खामोशी से लगाव लगता है गैहरा तुम्हारा जां नज़रें घुमा कर क्यूँ मुझ से नज़रें चुराती हो FULL READ IN CAPTION 👇👇 * बहुत सी बातें * ये हँसने की बात नही तुम तो मुस्कुराती हो टुकड़े में बांट कर मुझे फिर क्यूँ जुटाती हो खामोशी से लगाव लगता है गैहरा तुम्हारा जां नज़रें घुमा कर क्यूँ मुझ से नज़रें चुराती हो